मुस्कान-सुरेंद्र

 


केवल इतना भान रखना.
लबों पर मुस्कान रखना.
जरूरतें सीमित अच्छी है, 
बाकी कम सामान रखना.
वक़्त कितने भी कड़े आएं, 
होठों पर मुस्कान रखना. 


फूलों जैसी शान रखना. 
अपनी अलग पहचान रखना.
बहुत मीठा स्वर है तुम्हारा, 
ज्यों सुबह की अज़ान रखना.
तेरे कायल चाहने वाले सभी, 
चेहरे पर मुस्कान रखना.


तुम भीड़ का हिस्सा नहीं हो, 
अपनी सशक्त जान रखना.
ज़्यादा समझदारी किसलिए, 
खुद को थोड़ा नादान रखना.
भागदौड़ में मासूमियत छीने, 
सब्र की एक मुस्कान रखना. 


हरियाली का भी वजूद है, 
गुलशन में गुलफाम रखना.
चाँद की मानिंद रूह तुम्हारी, 
बरकरार अपनी चाम रखना.
चेहरा तो नूरानी है तुम्हारा, 
"उड़ता"जरूर मुस्कान रखना.


 


सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता"
713/16, छावनी झज्जर (हरियाणा )


 



 


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