नृत्य है जरुरी तेरा
नृत्य से सरमाना नही
नृत्य बिन तन बदन
अंगों का थिरकाना नही
नृत्य बिना पार्बती के
मन को नही मोहया जाता
खुशी होती है तो घर मे
बिन नृत्य नही सोना भाता
शादि मे जब नई दुल्हन
अंग थिरकाती नाच करै
पिया जी प्यारी बनती
उसके दिल पर राज करै
दोनो के दिल एक होते
नृत्य से हो दिल मे मेल
नर मादा का संजोग नृत्य
नृत्य से बढे वंश बेल
शिशु की किलकार सुनकै
कुटुंब का नृत्य करवाये
बूवा बहन और चाची दादी
नृत्य कर सब उसे खिलाये
चाचा दादा और मामा नाना
सब नृत्य संग करते प्यार
लोरी दे देकर आप नाचते
बच्चा नखरे करै हजार
नृत्य करती सखीयां गांवै
अगल बगल प्रचार होता
नृत्य से खुश पास पडोषी
खुश नृत्य से ही यार होता
नृत्य से हो हिरो हिरोइन
नृत्य से खुश हो संसार
नृत्य जीने का नही जाने
उसको कहते लोग गवार
जाखड़ जीवन ही नृत्य है
नृत्य की रंगत है प्यारी
जिसने जन्म लिया है भाई
करती नृत्य दुनिया सारी
जयहिंद
*सदा खुश रहो*
स्वरचित
अशोक कुमार जाखड़ "निस्वार्थी"
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