पत्र लिखो सम्‍मान पाओ-डाॅ. सूरज सिंह नेगी

वर्तमान में पूरे विश्व में कोरोना महामारी को लेकर चिंतन का दौर जारी है। विश्व के सभी देशों की सरकारें , विश्व स्वास्थ्य संगठन , वैज्ञानिक , बुद्विजीवी इस बात को लेकर चिंतित है’ कि मानवता पर मंडरायें इस संकट से कैसे स्वंय को एंव दूसरों को बचाया जा सके। देश में पिछले एक माह से भी अधिक समय से लाॅकडाउन की स्थिति बनी हुई है। जो कहीं न कहीं इस महामारी से लडने का एक कारगर उपाय सिद्ध हुआ है। समय-समय पर केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा एडवाइजरी जारी कर उसकी पालना के निर्देश भी दिये जा रहे है। दरअसल विभिन्न उपाय तभी सिद्ध होते हैं’ जब उन उपायों को मन से स्वीकार किया जाये। उन बातों पर अमल किया जावे तथा स्वनियंत्रित होकर इस दिशा में कार्य किया जाये, कोरोना जैसी महामारी से बचने में भी यह बात लागू होती है।
“पाती अपनों को मुहिम“ के तहत पिछले ढ़ाई सालों से विभिन्न विषयों को केंद्र में रखकर “अखिल भारतीय पत्र लेखन प्रतियोगिता“ आयोजित की गई है। इस मुहिम द्वारा बड़ों के साथ ही युवाओं को भी समय-समय पर पत्र लेखन एवं अन्य साहित्यिक गतिविधियों से जोड़कर साहित्य की तरफ उनका रूझान पैदा किया जा रहा है। जब लोग घरों के अंदर रह रहे हैं। ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिये हमारे युवा बच्चे क्या सोचते हैं ? तथा उनकी क्या सोच है अपनों को क्या संदेश देना चाहते हैं, हम स्वयं कैसे बच सकते हैं, दूसरों को कैसे बचाया जा सकता है। इस विषय को लेकर एक “अनूठी पाती“ “कोरोना को कैसे हराएं“ शीर्षक के नाम सें स्कूली बच्चों से आमंत्रित की जा रही है। जिसके नियम निम्न प्रकार होंगें:-
1. पत्र लेखन में कोई भी स्कूल स्तर का किसी भी कक्षा का अध्ययनरत विद्यार्थी भाग ले सकता है।
2. पाती की विषयवस्तु कोरोना को लेकर उसके बचाव के उपाय , जागरूकता होनी चाहिये।
3. पत्र माता-पिता एंव अभिभावक या किसी रिश्तेदार को संबोधित करते हुये लिखा जा सकता है।
4. पत्र की अधिकतम शब्द सीमा 500 शब्द होगी।
5. पत्र पहुंचने की अंतिम तिथि 31.05.2020 है।
6. पत्र जरिये ई-मेल से भेजे जा सकते हंै। (ई-मेल ऐड्रेस surajnegi1967@gmail.com)
7. पत्र के नीचे अपना नाम, आयु, जिस विद्यालय में अध्ययनरत है उसका नाम, तथा कक्षा का उल्लेख किया जाये।
8. प्राप्त पत्रों का मूल्यांकन 03 सदस्यीय निर्णायक मंडल से करवाया जाएगा।
9. प्रथम 11 स्थान पर आने वाले पाती लेखकों को विशेष रूप से सम्मानित किया जावेगा। एवं प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो देकर सम्मानित किया जावेगा।
आइए अपने आस-पास रह रहें स्कूली बच्चों या उनकी हमउम्र के बच्चों को पाती लेखन के लिए प्रेरित करें एवं महामारी का रूप ले चुकी इस बीमारी से बचाव और जागरूकता के लिए स्वयं भी जागरूक हों, अन्य को भी जागरूक करें।
    स्वयं बचें-दूसरों को बचायें ।
सादर



डाॅ. सूरज सिंह नेगी
9660119122
डाॅ. मीना सिरोला
(संयोजक पाती अपनों को मुहिम)


 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ