किताब जिससे मिलता है ज्ञान,
किताब जिसमे होता हे विज्ञान।
किताब जो बताता है इतिहास ,
किताब सिखाता है गुणा-भाग।
किताब में होती है कथा कहानियां,
किताब में होती है रानी और पारियां।
किताब में होता है पूरा एक युग ,
किताब में होता है सुख और दुःख।
किताबे कहती है वीरो की बातें ,
किताबे कराती है सितारों से मुलाकातें।
किताब में होता था कभी सूखा गुलाब,
दिलाता जो किसी अपने की याद।
किताब में रखते थे विद्या की पत्ती,
सोचते थे इससे होती है तेज बुद्धि।
किताब से अ से ज्ञ तक को सीखकर,
किताब से शुन्य से नौ तक को गिनकार ।
किताब पढ़ कर मिलती है हम को मंजिल ।
हटा कर धूल उसके पन्नो से आज ,
छू ले एक किताब प्यार से आज।
फिर आओ आज पढ़े एक किताब,
संग उसके बैठकर करें कुछ बात ।
किताबें भी करती है किसी का इंतजार ,
कोई खोले पढ़े और समझे उसके जज्बात।।
डा. हंसा शुक्ला भिलाई
हंसा शुक्ला भिलाई
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