हास्य रचना
होलिया में सैंया ने ,भंग ली भली चढ़ाय।
तांडव सो करते फिरें, कुछऊ नही सुझाय।।
कुछऊ नही सुझाय, टेढ़ी हुई गई चाल।
बे-बात गरियावें,पूछें अजब ही सवाल।
तू मोय मैं तोय रंग,कैसो कर दो बावाल।
अंग अंग रंग चढायो,चोली कर दीनो लाल।।
जोगीरा सा रा रा रा
इन्दु,अमरोहा
0 टिप्पणियाँ