है नमन उन कर्मवीरों को
जनसेवा में लगे जो आज
हुआ गर्वित वतन जिनसे
हैं धन्य भारत माँ के लाल
मानव सेवा के लिए बढे
देखो आज असंख्य हाथ
निकले जो घरों से अपने
हरने पर -पीड़ा वो आज
कोई तन-मन से,कोई धन से
मानव सेवा को तत्पर आज
एकजुट होकर सब लड़ रहे
विकट विपदा से हर हाल
है ऐसा मेरा प्यारा वतन
विश्व जिसकी देता मिसाल
कण-कण में जिसकी बसे
वसुधैव कुटुम्बकम का भाव
---©किरण बाला
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