धर्म पथ पर अडिग रहकर
नई लगन अब, हम लगाएंगे।
आतंकी मुक्त हो मेरा वतन
ये नया हम, जोश जगाएंगे।।
जाति पांत की दीवारें तोड़
एक नई अलख जगाएंगे।
आओ एकजुट होकर हम
फिर हिंदुस्तान महकाएंगे।।
अटल,अडिग हो वतन हमारा
सोने की चिड़िया फिर बनाएंगे
संस्कारिक और पवित्रवान
फिर वही भगवा लहराएंगे
कंटक बिखरे पथ पर जो भी
उनको चुन चन कर हटाएंगे
महक उठेगा हर एक कोना
ऐसी बगिया फिर महकाएंगे
वतन हमे है जान से प्यारा
किसी डर से नहीं घबराएंगे
जो कला मिली ईश्वर से हमको
उस कलम को हथियार बनाएंगे
प्रियंका गौड़ जयपुर
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