वो बचपन की यादें-अनुभा

एक दिन आपका कालम अंन्‍तगर्त प्रकाशित


ओ बचपन की यादे ओ बचपन की बातें
कोई उनसे कहता ओ फिर लौट आते 
काश!!ओ बचपन फिर लौट आता


ओ बदल की गरजन, ओ बारिस की बुँदे
ओ मेंढक की टर टर,ओ आसमान के परिंदे
कोई उनसे कहता ओ फिर से बरसते
काश!! वो बचपन फिर लौट आता


ओ कागज की कश्ती,ओ बचपन की मस्ती
ओ बच्चों क़ी गश्ती, ओ दादी की भक्ति
कोई उनसे कहता ओ फिर से चहकते
काश!! वो बचपन फिर लौट आता


ओ घोड़ो का टमटम,ओ जुगनू की चमचम
ओ दिए की टिमटिम,ओ तारो की जगमग
कोई उनसे कहता ओ  फिर से चमकते 
काश!! ओ बचपन फिर लौट आता


ओ मेले की फिरकी,ओ ठेले की बर्फी
ओ जादू की झप्पी ओ मम्मी की थपकी
कोई उनसे कहता ओ फिर से थपकते
काश!!वो बचपन फिर लौट आता


ओ मिट्टी की खुसबू,ओ दीवाली के घरौंदे
वो ओसो की बुँदे जो घासों पे बिखरे
कोई उनसे कहता ओ फिर से बिखरते
काश!! ओ बचपन फिर लौट आता



        अनुभा वर्मा (पटना


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