माँ -उपेन्‍द्र

आज बहे अँखिया अँशुआ के धार।
 ऐ माई कहवा छोड गइलू, घर      परिवार ।।
           आज बहे----


बचपन के बात सोची, माई तू बहुत याद अइबूऽ।
जब जब याद आई,अँखिया से लोगवा बहइबूऽ।।
     बगियाँ गइलू गमका के।
      सारा सपना सजा के।।
लोगवा रोवताडे, बन के लाचार
ऐ माई कहवा - - - - - 


चली गइलूऽ घरवा से, मनवा से दुर नाहिऽ भइलू।
बसल बाडू दिलवा मे, कबो माई नाहिऽ बिसरइलू।।
     कइसे दुखवा के काटी।
     मोह माया कइसे बाटी।।
सुना लागे माई अंगना दुआर
ऐ माई कहवा - - - - -


कमी हमके खलताटे , माई जहिया सरग सिधरलू।
देके जिम्मेदारी गइलू ,सबकर रोवा डहकवलू।।
       सबका दिल मे बसेलू।
       बतिया साचो तू कहेलू।।
सबके देतऽ रहलू माई तू दुलार 
ऐ माई कहवा - - - -



उपेन्द्र अजनबी 
सेवराई गाजीपुर उ प्र 
मो - 7985797683



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