भिंडी की भुजिया-रीता

सुबह होते ही पाँच बजे सब्जी को लेकर घर में हमेशा ही विवाद रहता है। बच्चों का स्कूल टिफिन तैय्यार करना पतिदेव सुजीत का आफिस लंच पैक करना पत्नी शोभा के लिए बहुत मुश्किल काम रहता है। बच्चों के टिफिन में सूखी सब्जी पतिदेव को रसेदार सब्जी इतनी सुबह दो सब्जियां बनाकर पैक करने में कभी-कभार बच्चों की स्कूल बस छूट भी जाती थी.. क्योंकि बच्चों का स्कूल सुबह आठ बजे से और सुजीत को दस बजे आफिस पहुँचना आवश्यक होता है और रात को सब्जी बनाकर रख नहीं सकते सबको ताजी बनी सब्जी ही खानी है। अब एक दिन पति-पत्नी ने इस पर आपस में बैठकर विचार-विमर्श किया कि क्यों न ऐसी सब्जी बनाई जाए कि एक ही सब्जी से काम चल जाए और रात के डिनर में अच्छी तरह दो-तीन सब्जी, अचार, चटनी, पापड़,रायता व सलाद  सब अच्छा भोजन बनाकर साथ बैठकर खाया करेंगे। 
सबसे पहले ऐसी कौनसी सब्जी है ?..जो सबको बहुत पसंद भी हो और बनाने में फटाफट बनकर तैयार हो जाए। शोभा ने कहा कि.. 'भिंडी की भुजिया' बच्चे भी और आप भी शौक से खाते हैं और भिंडी की भुजिया मैं कईं तरीकों से अलग तरह की बना लेती हूँ और साथ में दही के छोटे पैकेट भी रात को लाकर रख दिया करेंगें। 
घर में अचार हमेशा रहता ही है..क्योंकि शोभा सीज़न के अनुसार आम, हरी मिर्च, अदरक ,नींबू का अचार गर्मियों में करौंदा आँवला वगैरह सभी अचार घर में ही बना लेती है ,और इसके साथ ही कच्चे आम की मीठी चटनी और आम की मीठी कतरन सब बनाती है .."उसे घर में ये सब बनाने का शौक भी है और बाज़ार के घटिया तेल मसालों से बनी चीजें वे ज्यादातर अवाॅयड करते हैं. इस तरह समझदारी से अब सुबह की चिकचिक की बजाय उनकी सुबह खुशनुमा  बन चुकी थी। 
बच्चे भी हमेशा कहते मम्मी आज बेसन वाली भिंडी की भुजिया कभी पनीर वाली भिंडी की भुजिया और कभी सादी भिंडी खाने की फरमाइश रखते और दही का पैकेट और साथ में अचार मुरब्बा रखकर टिफिन पैक करने में समय भी नहीं लगता था। 
अब सबको अपना मनपसंद खाना मिल रहा था और भिंडी की भुजिया बनाने में समय भी कम लगने की वजह से टाइम पर बच्चों को, पतिदेव को भेजने से घर का महौल भी खुशनुमा रहता था। 



©️ मौलिक
रीता जयहिन्द



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ