हिंदी की अध्यापिका—डॉ अलका पाण्डेय 

ग़ज़ब की सुदंर हमारी अध्यापिका ! 
चलती लेकर हाथ में सदा पुस्तिका !!


रोज़ कक्षा में आकर डाँट पिलाए
मुख में रख हमेशा च्वगंम चबाए!


हाथ में छड़ी होठो पे लाली चूड़े में साजाया फूल !
चाल चले हिरणी सी सारे अध्यापक गश खाते !!


मतलब नही पढ़ाने से , सिनेमा के क़िस्से सुनाऐ !
नोट लाओ टीयू़शन पढो , बच्चों को समँझाऐ !!


बीच बीच में चाय की चुस्की खाये खूब पकोड़े !
आई जब जब पढ़ाने, आये नींद के झोंके !!


आई आज नये भेष में , बोली ध्यान से सुनो लेक्चर !
आये तभी शर्मा जी बोले मेडम 
चलती हो पिक्चर !!


अध्यापिका बोली बच्चो पाठ याद करो , 
पेपर आउट  होगा , ये ये प्रश्न हल करो !!


बच्चे हुऐ ख़ुश , बोले ऐसी आध्यापिका चाहिए !
नक़ल करना पास करें ,बिना आये हाज़िरी लगाए !!


हमसे नहीं उन्हें पढ़ाई की आस 
हम से उन्हे सिर्फ लक्ष्मी की आस


डॉ अलका पाण्डेय



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