ग़ज़ब की सुदंर हमारी अध्यापिका !
चलती लेकर हाथ में सदा पुस्तिका !!
रोज़ कक्षा में आकर डाँट पिलाए
मुख में रख हमेशा च्वगंम चबाए!
हाथ में छड़ी होठो पे लाली चूड़े में साजाया फूल !
चाल चले हिरणी सी सारे अध्यापक गश खाते !!
मतलब नही पढ़ाने से , सिनेमा के क़िस्से सुनाऐ !
नोट लाओ टीयू़शन पढो , बच्चों को समँझाऐ !!
बीच बीच में चाय की चुस्की खाये खूब पकोड़े !
आई जब जब पढ़ाने, आये नींद के झोंके !!
आई आज नये भेष में , बोली ध्यान से सुनो लेक्चर !
आये तभी शर्मा जी बोले मेडम
चलती हो पिक्चर !!
अध्यापिका बोली बच्चो पाठ याद करो ,
पेपर आउट होगा , ये ये प्रश्न हल करो !!
बच्चे हुऐ ख़ुश , बोले ऐसी आध्यापिका चाहिए !
नक़ल करना पास करें ,बिना आये हाज़िरी लगाए !!
हमसे नहीं उन्हें पढ़ाई की आस
हम से उन्हे सिर्फ लक्ष्मी की आस
डॉ अलका पाण्डेय
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