कविता क्या है ? रेखा

कविता शायद हमारे जीवित होने का वो सबूत है।जो भावों के मचलते हुए  उफान को    स्वर दे तथा हमारी मन,मस्तिष्क और आत्मा की अनुभूतियों को अभिव्यक्ति के रूप में परिणित कर दे एवं हमारे आसपास  बिखरे हुए सौंदर्य मैं खुद को समाहित कर जो ग़ज़ल बन जाए और  बेलों में लहराकर फूलों की तरह  लरजने लगे और कभी अबोध बालक कि निश्छल हंसी बनकर मासूमियत की एक सुखद अनुभूति हमारी रग रग में भर दे और कभी प्रेमी-प्रेमिका प्रेम की परिणीति स्वरूप कल-कल करती नदियां  सी बहकर  पर्वत की श्रंखलाओं का आलिंगन करते हुए समुद्र के आगोश में  समा कर लोगों को प्रेम सम्मोहन के जादू में बांध ले कभी विरह की अग्नि को  ज्वालामुखी का ताप दे-दे .और कभी ममता को अपने शब्दों के आंचल में बांधकर मृत शरीर में भी स्पंदन भर दे मेरी समझ से जिस लेखनी में कविता दर्द और पीड़ा की मार्मिक व्यथा कहे तो दिलों में भी तूफान आ जाएं।जिस कविता के प्रकट होने पर,आपसे आप उसके डूबते उतरते भावों में आप भी डूबने उतरने लगे शायद वही है सच्ची कविता ।


रेखा दुबे
विदिशा मध्यप्रदेश



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