नौ महीने तूने गर्भ में धारण किया
हे माँ तूने हमें धरती पर जन्म दिया
पाल पोस कर तूने हमें बड़ा किया
अपना रक्त दूध बनाकर हमें दिया
शुद्र बनकर साफ की तूने हमारी गंदगी
सुबह तेरी पूजा करूं शाम को तो बंदगी
उठना बैठना चलना तूने हमें सिखाया
जीवन की हर रीत का तूने पाठ पढ़ाया
रोता था जब मैं हर काम छोड़कर दौड़ती
मेरे एक तकलीफ पर तू जार-जार रोती
सजना सँवरना या शौख से रहना
नहीं पहनती कभी भी कोई गहना
लौट कर आता था जब मैं स्कूल से
लाल मेरा आया कह लगाती वक्षस्थल से
त्याग तपस्या की साक्षात मूरत है मेरी मां
माई मम्मा मम्मी ममी अम्मा माँ है मेरी मां
मेरी मां ही मेरे लिए सब कुछ है भगवान
उसने ही तो बनाया मुझे एक अच्छा इंसान
जाना नहीं कोई तीरथ करना नहीं कोई काम
मां तेरी चरणों की सेवा करो सुबह शाम
दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कोलकाता
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