मां-प्रियंका गौड

मां पर कौन,कहां लिख पाता है?
मां को क्या शब्दों में बांधा जाता है?
सारे आसमां को बना लू कागज
सागर को बना लू भर भर स्याही
फिर भी मां का वर्णन कहां हो पता है?
मां पर कौन,कहां लिख पाता है?
जन्म दिया मां ने,
जीवन का हर रंग सिखलाया है।
मां ही प्रथम गुरु है,मां ही परम
पूज्य विधाता है।
मां पर कौन, कहां लिख पाता है?
मां ने पहला शब्द सिखाया
लिखना सिखाया, पढ़ना सिखाया
तकलीफ हो कोई तो मुंह से
पहला शब्द मां ही क्यों आता है?
मां पर कौन कहां लिख पाता है?
हर दर्द सहे मां ने, 
पर जहां भर की खुशी दे डाली
अगर रो भी दूं कभी तो,
मां का दिल भी भर आता है।
मां पर कौन कहां लिख पाता है? 
हजारों दुवाएं झोली में भरती जाती है
ना भी बताऊं तो, मां को,
 दर्द मेरा पता चल जाता है।
मां पर कौन कहां लिख पाता है?
जीवन जब मां ने दिया हमे तो,
हर सुबह और हर सांझ धरोहर मां की
मां को फिर क्यों एक दिन में बांधा जाता है?
मां पर कौन कहां लिख पाता है?
मां पर कौन कहां लिख पाता है।



प्रियंका गौड़ जयपुर


 



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