मॉं-सिम्‍पल

दोस्तों हम सब हर  वर्ष मदर्स डे मनाते हैं , पर  माँ  तो एक एक पल ममता की छाँव होती है  , वैसे तो माँ के लिये कुछ भी लिखना कम होगा ,जिसने हमें खुद लिखा है हम उसके लिये क्या लिख सकते हैं .फिर भी उनके लिये दो शब्द  कहना चाहेंगे  ,क्योंकि माँ की ममता से सींचा गया यह मन  कुछ भावनाओं में डूब रहा है , माँ का स्नेह और उनकी ममता का कोई आकलन नहीं , माँ के लिये मेरे दिल से निकले हुए कुछ शब्द  हैं जो मुझे भावविभोर करते हैं ,माँ की तपस्या ही होती है जो कच्ची मिट्टी के घड़े के समान बच्चों को कुम्हार बन कर सही आकार देती है ,वैसे तो माँ को कोई भी एक पल के लिये भी नहीं भूलता ,यदि किसी रो ठोकर भी लग जाती है तो मुख से सबसे पहले माँ शब्द ही निकलता  है ,माँ ही हमारी पहली गुरू है जो हमें उचित अनुचित का बोध कराती है ..,माँ ही तो हमें संस्कारों से सुसज्जित करती है ,माँ को कोटिशः  नमन ....
माँ को विशेष रूप से सम्मान देने हेतु एक दिन सुनिश्चित किया गया है ,जिसे हर्षोल्लास के साथ हम सभी मई माह के दूसरे रविवार को मनाने लगे हैं ,
पहले तो बच्चों में ये क्रेज़ नहीं था पर फेसबुक ह्वाट्सएप  ने बहुत कुछ बदल दिया है सभी बच्चे इसके जरिये एक्टिव रहते हैं ,और माँ के लिये चुपके चुपके  सुन्दर गिफ्ट आइटम के लिये दुकानों के चक्कर लगाने लगते हैं ,बहुत अच्छा लगता है माँ को भी तब ,जब अपने नन्हें मुन्नों के हाथों से प्यार भरा गिफ्ट पाती हैं ,माँएं भी गिफ्ट में बच्चों का प्यार देखकर खुश होतीं हैं न कि गिफ्ट पाकर  , बच्चे भी खुश रहते हैं इस विशेष दिन पर ,कुछ लोग  तो  माँ के साथ बाहर खाना खाकर सेलिब्रेट करते हैं इस मौके को ,कुछ फिल्म दिखाते हैं और कुछ गरीब  बच्चे अपनी माँ को एक छोटा सा गुलाब देकर ही खुश हो जाते हैं और माँ भी सारा स्नेह उस पर लुटा देती है ,मेरा कहना है माँ को हर पल खुश रखना ही उनका सबसे बड़ा गिफ्ट है ,उनका दिल न दुखे आपकी किसी बात से ,उनका आदर करें उनका सम्मान करें ,यही माँ का सच्चा गिफ्ट है उनके दिल से हमेशा अपने बच्चों के लिये आशीर्वाद ही निकलता है , वो उनकी कुशलता और सफलता ही चाहतीं हैं ,और क्या कहूँ माँ शब्द तो असीमित है ,इनके लिये शब्दों में कुछ भी लिखना कम होगा ,यहाँ कुछ लिखना सिर्फ अपने मन के भाव प्रदर्शित करना है ,माँ तो बस माँ है .....
किसी ने सच ही कहा है मौत के लिये तो हज़ार रास्ते हैं पर जन्म देने के लिये माँ है ,सिर्फ  माँ  है ,


सिम्‍पल काव्‍यधारा प्रयागराज



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