पत्नी-अजनबी

मनोज को अपनी शादी को लेकर बहुत अफसोस था। कि हमारी शादी एक कम पढ़ी-लिखी लड़की  के साथ हो गया। मनोज काफी पढ़ लिखा इंसान था । वह अपने गांव मे सबसे अधिक पढ़ा लिखा था। लेकिन क्या कहा जाए जो होना था सो हो गया।शादी के दो साल बाद मनोज रेलवे  में क्लर्क के पद पर नौकरी लग गई । और  वहीं रहने के लिए क्वार्टर मिल गया। मनोज की पत्नी में कोई कमी नहीं थी। लेकिन मनोज के मन में यह था कि अगर शादी होने से पहले हमारी नौकरी लग गई होती तो हमें शहर की हसीन सुंदर पढ़ी-लिखी लड़कियां मिलती । और सुंदर भी  यही विचार उसके दिमाग में बराबर घूमता रहता था। अपनी पत्नी के अंदर उसे सारी कमियां नजर आने लगी बार-बार पत्नी को उल्टा सीधा बोल देता। रेनू   कुछ नहीं बोलती वह सारी बात सुन कर रह जाती। मनोज चिड़चिड़ा सा रहने लगा । रेनू अपना काम हसी खुसी  से किया करती। कुछ दिन के बाद बगल के क्वार्टर में रहने के लिए एक पढे लिखे पति पत्नी आये।


एक दिन रात में दोनों का झगड़ा हो गया। जोर-जोर से बर्तन फेकने  की आवाजें आने लगी ।और चिल्लाने की आवाज आ रही थी। मनोज और रेनू सोते से जगे। और जाकर उन दोनों का झगड़ा शांत कराया ।दोनों पति पत्नी वही रेलवे में नौकरी करते थे। कभी उन दोनों में पटती ही नहीं थी। ऐसा झगड़ा रोज होने लगा पति पत्नी में बनती नहीं थी।मनोज ने पूछा -- क्या बात है। राजेश जी आप लोग बराबर झगड़ा क्यों करते रहते हैं। तब तलक मीरा बोल उठी । इसकी दुष्टता इसी से पूछ लीजिए।
राजेश बोला - थोड़ा अपने बारे में भी बताना मैडम ?इतनी बात सुनकर मीरा गाली  देते हुए उसकी ओर झपटी और अपने बड़े बड़े नाखूनों से उसके शरीर को लहूलुहान कर दिया किसी तरह राजेश ने भागकर जान बचाई।


मनोज और रेनू दोनों को समझा-बुझाकर वह अपने घर को चल दिए। अपने क्वार्टर के तरफ आते हुए मनोज ने रेनू का हाथ पकड़ रखा था। अपने क्वार्टर में पहुंचने पर मनोज ने उसे प्यार से कुर्सी पर रेनू को बिठाया। और खुद सामने बैठकर उसे देखने लगा रेनू ने शर्माते हुए पूछा- आप आज हमें ऐसा क्यों देख रहे हैं।मनोज ने मुस्कुराते हुए बोला- रेनू तुम वास्तव में बहुत सुंदर हो आज हमें एहसास हुआ जो हमें प्यार सेवा भाव तुम दे दिया ऐसा प्यार सेवा भाव  हमें पढ़ी-लिखी लड़की कहीं नही दे सकती ।वह हमेशा अपने गरूर में रहती कि हम भी कम पढ़े लिखे नहीं है।


रेनू हमें पता चला कि एक पति के लिए उसकी पत्नी की क्या अहमियत होती है। मुझे आज समझ में आया पति-पत्नी वही है जो अपनी पति की सेवा करें दिन-रात उसके सुख दुख में शरीक हो हर कहा माने और पति को भी चाहिए कि पत्नी को भी वह सारी खुशियां दे जो उसके हकदार है।और उनका भी ख्याल रखें । इतना बात सुनते ही रेनू शरमा गई। और हंसते हुए अपने बेडरूम में चली गई। अब मनोज को अपनी शादी से कोई शिकवा शिकायत नहीं रहा । अब उसके समझ में आ गया की पत्नी क्या होती है।


उपेंद्र अजनबी 
सेवराई गाजीपुर उ प्र 
मो 7985797683



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