पत्‍नी-इंदु

अर्से बाद पति- पत्नी बाहर घूमने निकले .। घर की  जिम्मेदारियों से फुर्सत निकालना कितना मुश्किल है। पति को भी  ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल पाती। चलते-चलते वे बाजार तक निकल आए। अचानक पत्नी की नजर शो रूम मे लगी लिनेन की नीली साड़ी पर चली गई " कितनी सुन्दर है न" पत्नी ने कहा "हाँ सो तो है चलो आज मौका है ले ही लेते हैं " पति ने कहा। एक पत्नी के लिए, एक माँ के लिए पति ने साड़ी ख़रीद ली और वापस आ गए,। माँ को दिखाया वो ख़ुश हुई " अरे एक और लेना चाहिए था न.." ।माँ ने कहा । "और... और क्यों माँ " बेटे ने माँ से पूछा," अपनी बहन के लिए और किसके लिए अच्छा जाने दो यही दे दूँगी, जो तुम बहू के लिए लाए हो, बहू को मेरे पास एक है वो दे दूँगी..! माँ जी  ऐसा क्यों करती हैं जो भी उनकी इकलौती बहू को पसंद आता है, उसके हाथ से छिन अपनी बेटी को क्यों देती हैं..? उनकी बेटी में कोई कमी नहीं बहू में कई दोष... वो सोचने लगी...
" बेटा वैसे भी तेरी पत्नी पर ये रंग नहीं जंचेगा.." माँ ने कहा l
पत्नी ने देखा उसका पति गुस्से में बोलने ही जा रहा था कि पत्नी ने प्यार से इशारा किया कोई बात नहीं...और वो काम में लग गई. "सॉरी मैं  तुम्हें कोई सुख नहीं दे पाता " पति ने रसोई में जाकर बड़े दुखी मन से, पत्नी के कंधे पर हाथ रखकर  कहा । "
" ऐसा किसने कह दिया आप मेरे साथ हैं तो दुनिया  का सबसे बड़ा सुख और दौलत मेरे पास है. " पत्नी ने धीरे धीरे से पति का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा  ।


 


इंदु उपाध्याय, पटना बिहार



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