लड्की के जन्म लते ही माँ,बाप उसकी शादी के सपने देखने लगते है । और शादी का दहेज भी सहेजने लगते है ।शादी होते ही बेटी पत्नी के साथ- साथ , ताई ,चाची ,माँ,भाभी जैसे अनेको रिश्तो मे सिर्फ पुकारी ही नही जाती । सभी की जरूरतो के अनुसार बट भी जाती है । पत्नी होते ही लोगो का नजरिया बदल जाता है ।
एक अल्हड़ सी लड्की । अचानक सी बडी हो जाती है ।जिसकी गलती कोई देखता नही था ।पत्नी की गल्तिया गिनाई जाती है । लड्की तितली की तरह उड़ती फिरती थी ।पत्नी को पिंजरे मे कैद कर दिया जाता है ।प्यार और सम्मान मिले तो पत्नी सीता होती है ।और घर अयोध्या ।।तिरस्कार मिले तो द्रौपदी । और घर कुरुक्षेत्र का मैदान ।
ज्योति किरण रतन
लखनऊ
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