पत्रकारित दिवस पर विशेष- रीता जय हिंद

पत्रकारिता दिवस की पत्रकारों को लख-लख बधाई
जनता और समाज को भी देते हैं हम खूब बधाई
पत्रकारिता साधन होता हमें बिजनेस दिलाने का
एक दिन में ही मनुष्य को फर्श से अर्श तक पहुंचाने का
गलत काम का गलत नतीजा जब पत्रकार दिखाते है 
सजा मिलती दोषी को सच्चे को न्याय दिलाते हैं
हर खतरा और हर आहट पर चौकन्ना हो जाते हैं
बीच-बचाव करने में खुद जोखिम में पड़ जाते हैं
सब भाषाओं का आदर करते पत्रकार कहलाते है
हिन्दी का सम्मान सिखाते नाम अमर कर जाते हैं
पत्रकार सिखाते हमको झूठ फरेब नहीं चलेगा
सीधी सच्ची बात छपेगी झूठे पर छापा पडे़गा
आजकल के पत्रकार भी प्रलोभन में आ जाते हैं
रुपये-पैसे के लालच में सच को झूठ दिखाते है
सच तो आखिर सच होता है थोडें दिन चल पाते हैं
सच के आगे झूठे आखिर कितने दिन टिक पाएँगे
पकड़े जिस दिन जाएँगे सलाखो के पीछे होंगे
चोर की दाडी़ में तिनका कहावत चरितार्थ होगी 
पत्रकारिता धर्म निभा प्रतिभा को आगे लाओगे
खुशियां जितनी बांटोगे तुम उतनी भर-भर पाओगे
किसी का दिल ना दुखाना दामन को दाग मत लगाना
जग वालों के आगे तुमको  नहीं पढेंगा शरमाना।

रीता जयहिन्द दिल्‍ली


 



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