पत्रकारिता दिवस पर विशेष- रूचिका

ज पत्रकारिता दिवस है पर कुछ ऐसी सच्चाई दुनिया के सामने आना जरूरी है जो इस चौथे स्तंभ को सही मायने में दर्शा सके अब कुछ समय पहले पत्रकारिता को लेकर समाज के कुछ वर्गों में एक द्वंद से चल रहा था आज की पत्रकारिता को लेकर 
लेकिन जिस तरह से कोरोनॉ का कहर पूरे विश्व के साथ भारत पर भी पड़ा है उसको देखते हुए एक विशेष सम्मान इस चौथे स्तंभ की तरफ आमोखास का बड़ा है।


दो मुख्य कारण हैं
कोविड 19 के कहर के बीच तमाम पत्रकारों ने देश व समाज के सामने वो सच्चाई रखी है जो इस महामारी के दौर में वाकई बेहद जरूरी है कोरोनॉ काल में अपने अच्छे कार्यों को लेकर डॉक्टर्स से लेकर तमाम पुलिस कर्मी और कर्मचारियों को समाज के सामने लाया गया है, ,इसके साथ ही अपनी लापरवाही की वजह से उन सभी को भी सामने लाया जा सका जिनकी वजह से देश के तमाम लोगों के साथ देश की नींव रखने वाले मजदूरों को कड़ी विपदा से गुजरना पड़ा , इन सभी सच्चाई को आगे लाने और पूरे देश और विश्व को सही जानकारी देने का माध्यम केवल पत्रकार ही रहा है और आज भी किसी भी बात की परवाह किये बगैर दिन रात अपने काम मे लगा है ताकि आप आमजनमानस तक सही और सटीक खबर पहुंच सके।


इसके अलावा भी एक और विशेष खबर भी आप तक पहुंच रही है और वो है इस महामारी के दौरान चीन की नापाक हरकत ,
फिर चाहे वो लद्दाख का छेत्र हो या फिर उत्तराखंड की सीमा से लगे नेपाल का ,कभी मित्र होने का दावा करने वाले नेपाल ने चीन सरपरस्ती में जिस तरह अपने बड़े भाई और मित्र भारत के ख़िलाफ़ एक साजिश रचने का काम किया है वो भी केवल पत्रकार ही अपनी कलम और कैमरे के माध्यम से आप और दुनिया तक पहुंचाने में कामयाब हो पाए हैं। ऐसे में सभी पत्रकारों को इस पत्रकारिता दिवस पर सलाम


रुचिका शर्मा 
देहरादून


 



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