मैं एक पूजा का
फूल हूँ।
मैं अपनी खुश्बू
पर इतराउ।
अपने बाग की शान हूँ।
तो मै पुजा के
फूल कहलाऊँ।
जब भगवान पर
चढ़ाया जाता हूँ।
तो अपने भाग्य पर
इठलाता हूँ।
मैं पूजा का - - - -
हमको चाह नही की मै
जुड़ो मे गुथा जाउ।
भगवान के चरणो मे
अर्पित होकर
मैं अपनी मंजिल पाऊँ।
मैं पूजा का - - -
मेरे अनेक रंग रूप है
और अनेक नामो से
जाना जाऊँ
गुलाब बेली चमेली
गेदा रात रानी
कहाऊँ।
मै पूजा का - - -
प्रभु के चरणो मे
पड़ा बहुत सकुन
मिलता है।
इससे बड़ा भाग कहा
किसी का।
जो मेरे ह्रदय मे हरदम
खिलता है।
जो इनके गले का
शोभा बढाऊ।
मै पूजा का - - -
उपेन्द्र अजनबी
सेवराई गाजीपुर उ प्र
मो 7985797683
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