मेरी बगिया में खिले हैं
पूजा के फूल
रंग बिरंगे चंपा के फूल
लिली चमेली जाई रूप
जिन्हें देख लुभाते हम
प्रथम किरणो के साथ
मेरी बगिया में खिले हैं
पूजा के फूल
गुलाब गंध से सरोबार
चहुं ओर मादक बयार
पंखुड़ी कलियों की बहार
सजे वाटिका का श्रृंगार
मेरी बगिया में खिले हैं
पूजा के फूल
बागवान की श्रद्धा ने देंखे
भिन्न भावों के सूक्ष्म तार प्रिय
पुष्पो से देवताए सजे
हर्षित स्नेह से मंगल सार
मेरी बगिया में खिले हैं
पूजा के फूल
खुशबू महके उदासी में
मुक्त कर दुख हर लेते
जिंदगी बहाल कर देते
मुरझाते भी खुशियां देते
मेरी बगिया में खिले हैं
पूजा के फूल
जब निर्माल्य बन जाते
मिल जाते प्यार से माटी में
अफ़सोस उरो में भर जाए
आतूर निगाहें राह जोहते
मेरी बगिया में खिले हैं
पूजा के फूल
अमिता मराठे
इंदौर
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