पूजा के फूल -इुंदु


तू तो सब जानता है बुरा या भला..
मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है..
छोड़ दी मैंने किश्ती तेरे हाथ में..
अब किनारे लगाना तेरा काम है..
है हज़ारों की तकदीर संवारी तूने..
कह दे तू अबकी बारी तेरी ही तो है.
क्या सुनाऊँ मैं क्या मेरा हाल है..
तू तो सब जानता है क्या है हालत मेरी..
किस उपवन में जाऊँ कौन सा फूल लूँ..
श्रद्धा सुमन के जैसा प्रसून कोई नहीं..
तू पूजा है मेरी तू ही भगवान मेरे
ख़ुद को अर्पण करूँ तुम ही बोलो
कैसे..
ऐसी भक्ति कहाँ से मैं लाऊँ कहो..
कुछ तो बोलो, कभी तो इशारा करो...
नाम लब पे तेरा याद दिल मे तेरी..
शक़्ल आँखों में हो दम निकलता रहे..


इंदु उपाध्याय पटना बिहार



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