हम हर गर्मियों की छुट्टियों में नानी के यहां जाते थे मेरी मौसी मुझसे 1 वर्ष बड़ी थी.और वह हमारी सहेली जैसी थी। मैं आठवीं कक्षा में 11 वर्ष की थी। मुझे गुड़िया बनाने का बड़ा शौक था मैंने नानी के साथ मिलकर एक गुड़िया बनाई तो मैं नानी से बोली "नानी मुझे अपनी गुड़िया का ब्याह करना है पर गुड्डा कहाँ से आएगा?"
नानी बोली तेरी मौसी की सहेली से बात कर लेना। उनका गुड्डा हो जाएगा और तेरी गुड़िया ,दोनों की अपन शादी कर देंगे।
नानी हमारे साथ खूब खेलती थी। गुड़िया की शादी का दिन निश्चित हो गया। वह दिन तो मुझे अभी भी भुलाए नहीं भूलता जिस दिन हमने अपनी गुड़िया की शादी की थी। हम मौसी और मेरी छोटी बहन सुबह- सुबह उठकर बगीचे गए ।खूब सारे फूल पत्ती तोड़कर लाए और बंदनवार बनाए ।हमने खूब आँगन, बरांडा धोया, फिर पत्तों फूलों की बंदनवार बनाकर लगाई। मामा जी बोले आज क्या बात है माँ, कोई पूजा है जो इतनी तैयारियाँ हो रही है। नानी बोली "अरे नांय ,जे मौड़ियाँ अपनी गुड़िया को ब्याह रचा रही हैं"।
मामा जी बोले "ठीक है बरात जाएगी कि आएगी।" नानी बोली अपनी तो गुड़िया है, बरात आयेगी। मामाजी बोले बारातियों का स्वागत कब करना है, बता देना और कुछ दहेज का सामान लाना है तो अभी बता दो।मैंनै कहा "मामा जी हम बिना दहेज के शादी कर रहे हैं ,बस खाना खिलाएंगे "।मामा जी बोले यह तो बहुत अच्छी बात है ।उसके बाद हमने गुड़िया की सगाई -लगन भेजी ,मंडप किया ,ढोलक बजाकर खूब गीत गाए, खूब डान्स किया।तभी दोपहर में हमारे नाना जी आ गए। नाना बोले आज क्या बात है ?बड़ी चहल-पहल है। "नानाजी अभी कहाँ चहल-पहल है,रात को देखना" मैं बोली।
नानी हँसकर बोली " अरे ये.मौड़ियाँ गुड़िया की शादी कर रही है।' नाना जी बोले बाजार से कछु मिठाई लादूँ। नानी बोली "हाँ मिठाई और नमकीन ले आना, इनकी आठ - दस सहेलियां आएंगी।मैं पूड़ियाँ- सब्जी बना लूँगी ।"शाम हुई ,बारात आई ,ढोलक बजाकर बारात का स्वागत किया , सभी बरातियों को शरबत पिलाया। जयमाला का कार्यक्रम हुआ । नानी ने मेरे भाई को पंडित बना दिया, उसने गुड्डा व गुड़िया के फेरे करवाए।नानी ने सभी लोगों को हलवा -पूरी व सब्जी खिलाई। नाना जी ने सभी को मिठाई व नमकीन परोसा ।इस प्रकार सबने हमारी गुड़िया की शादी में खूब दावत का मजा लिया। उसके बाद गुड़िया की .विदा कर दी।उस दिन को याद करके आज भी मन बड़ा प्रसन्न हो उठता है। बचपन के दिन भी क्या दिन थे ?उड़ते -फिरते तितली बनके। आज तो बच्चे टीवी के कारण गुड्डा गुड़िया के खेल क्या जानें।
आशा जाकड़
9754969496
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