आओ हम सब मिल प्रतिज्ञा कराएं,
पर्यावरण ना नष्ट होने पाये
ये सोचना सबका हम सबका धर्म,
कैसे सुन्दर पर्यावरण को बचाए,
जाग्रत करना स्वयं को,
दूसरों को भी है जागरुकता जगाना,
नए - नए नन्हें पौधे वृक्ष लगाकार,
प्रकृति को है नव - जीवन हे देना,
जल ही जीवन हे
जल की एक - एक बूंद बचाकर,
जल को भी है संरक्षित करना
जल को कभी प्रदूषित ना करना
ये प्रण है सभी को करना,
इस सुन्दर धरती माँ की
हरियाली कभी ना मिटने पाए
इस धरती माँ की हरियाली की
रक्षा करना ये प्रण सभी
ज़न - ज़न को है करना
सुबह सवेरे उठकर ही लेना है
एक नया संकल्प,
प्रतिदिन हम सब को एक वृक्ष है लगाना
ऊँचे, पर्वत सुन्दर दृश्य दिखाए.
वन - जंगल पेड़ो,
की रक्षा करते ये दिख जाए
अडिग रहे ये ऊँचे पर्वत,
इनका ख्याल भी
ज़न - ज़न को ही रखना
तन - मन कभी कमजोर ना हो
वन जंगल कभी नष्ट ना होने पाये
हवा ना जहरीली होने पाए
वन जंगल को है संरक्षित है करना
यह संदेश सब को ही है
बताना सही समय पर हम सभी
ज़न-ज़न को कदम ये उठाना
संदेश को खूब है फैलाना
हम सब मिल धरती माँ की
प्रकृति, पर्यावरण को बचाए
पर्यावरण को बचाना
अपने जीवन को है बचाना ।
कल्पना जोशी देहरादून
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