पर्यावरण पर विशेष रचना
भैया कोटा,
राखी बांधती हुई,
बहन चंबल से इतराते हुए,
रक्षाबंधन पर बोला-
मांग लो बहना,
क्या चाहिए तुम्हें?
चंबल चौंकी और सकुचाई।
भरे हुए गले से बोली-
भैया हम जानते हैं कि आजकल
तुम्हारे पास बहुत सारी धन दौलत है।
,नरम नरम गददो पर,
एसी की हवा में,
चैन से सोते हो।
हमें नहीं चाहिए,
तुम्हारा सोना चांदी।
सिर्फ एक वचन दे दो।
मगर सोच लो,
उसका तुम्हें पालन करना होगा।
क्योंकि मुकर जाना ही तुम्हारी नियति है।
बचन दो कि तुम्हारे बेटे
मेरी स्वच्छ जलधारा में
उद्योगों का गंदा पानी नहीं डालेंगे।
उपहार की वह राशि ,
जो आप हमें देना चाहते हो,
उससे गंदे नालों के अंतिम छोरों पर,
जल शोधक संयंत्र अवश्य लगवा देना।
और तुम जो टनो' धुआं निगल जाते हो,
अपना उपचार करवा लेना।
रघुराज सिंह कर्मयोगी
पता-- 1059/B ,3rd एवेन्यू,
आiदर्श कॉलोनी,डडवाड़ा,
कोटा जं. 324002
Mo.-8118830886
8003851458
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