गउवे गांव चिन्हाते नइखे ।
अब कतही उ बाते नइखे ।।
अदमी मे अब जान कहा बा ।
पहिले वाला खान कहा बा ।
ठहाका भरल दलान कहा ब।
बाग बगीचा मचान कहा बा ।
मिलत नइखे दान कहा बा ।
बोली बचन सोहाते नइखे ।
गउवे गांव चिन्हाते नइखे ।
अब ------
बाजत झाल मृदंग कहा बा ।
फागुन मे उमंग कहा बा ।
होली मे हुडदंग कहा बा ।
रस घोरल उ भंग कहा बा ।
टोली वाला संग कहा बा ।
फगुआ कही गवाते नइखे ।
गउवे गांव चिन्हाते नइखे ।
अब ----
ढेका ओखर जात कहा बा ।
पहिले वाला पात कहा बा ।
बजडा जोन्हरी खात कहा बा
सुनत केहू बात कहा बा ।
सुधरत नइखे हलात कहा बा ।
कतना कही बुझाते नइखे
गउवे गांव चिन्हाते नइखे । अब----
गोबर लिपात दुवार कहा बा ।
कउड तापत परिवार कहा बा
डोली अउर कहार कहा बा ।
भाई भाई मे प्यार कहा बा ।
पाहुन के सत्कार कहा बा ।
सुबहे केहू नहाते नइखे।
गउवे गांव चिन्हाते नइखे ।
अब ---'
चइता गावत टोल कहा बा ।
नइखे बाजत ढोल कहा बा ।
अदमी मे मेल जोल कहा बा ।
खुलत नइखे पोल कहा बा ।
मिसिरी अइसन बोल कहा बा
अजनबी लोग सोहाते नइखे ।
गउवे गांव चिन्हाते नइखे ।
अब ----
उपेन्द्र अजनबी सेवराई गाजीपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल ---7985797683
0 टिप्पणियाँ