गंगा दशहरा पर बुदलंशहर से प्रीति

जग को अमरत्व प्रदान करता गंगा का पानी है,
यह भारतीय सभ्यता, संस्कृति की निशानी है।
माँ गंगा साक्षात भगवान का उज्ज्वल रूप है,
औषधीय तत्वों से पूरित यह जल अनूप है,
राजा भगीरथ के प्रयासों की एक अमिट कहानी है।
जग को अमरत्व प्रदान करता गंगा का पानी है।


जीवनदायिनी गंगा का,मधुर सरस् है जल,
चन्दन से शीतल, चन्द्रिकाओं सा उज्जवल,
प्रेम पीयूष है यह पावन, ना समझो तो पानी है।
जग को अमरत्व प्रदान करता गंगा का पानी है।


पापनाशिनी गंगा माँ को प्रदूषण से हम बचायें,
इस राष्ट्रीय नदी से ही,  कृषि -भूमि जीवन पाये,
गंगा माँ की गौरव गाथा सदियों से पुरानी है।
जग को अमरत्व प्रदान करता गंगा का पानी है।


गंगा के जल को हम नहीं करें प्रदूषित,
सांसारिक मलिनता से होने न देवें दूषित,
स्वच्छ गंगा अभियान में भागीदारी  निभानी है।
जग को अमरत्व प्रदान करता गंगा का पानी है।


पुरातन है, अलौकिक है गंगा माँ का इतिहास,
गंगा की गोद में है पवित्रता का आवास,
गंगा माँ की चमत्कारिक कथा सबको सुनानी है।
जग को अमरत्व प्रदान करता गंगा का पानी है।


प्रीति चौधरी "मनोरमा"
जनपद बुलन्दशहर
उत्तर प्रदेश



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