जय जय गंगे
जय जय गंगे मैया हर हर गंगे मैया
हरती हो तुम पाप हमारे जय जय गंगे मैया !!
भागीरथ ने किया काम महान धरती पावन हो गई भगवान !!
जनता का किया उद्धार, हर हर गंगा माई !
पाप सारे मानव के उदर में समा गई !!
शंकर की जटा में विराज ,बढ़ाती उनकी शान !
भारत में कल कल बहती,बढ़ाती हो अभिमान !!
महिमा तेरी कैसे गाऊँ ,
मैं पापी तुम को कैसे पाऊँ !
तेरी स्तुति करते वेद पुराण ,
तेरा जल अमृत सा पी जाऊं !!
जन जन में जाग्रति लानी है ,
सब को यह समझना है !!
स्वच्छता रखो जल को गंदा न करो !
गंगा को पावन रहने दो ,
लाशो को दफ़नाना बंद करो !!
मलिन मन को पावन करती मैया
सबका कल्याण करती तुम मैया
ह्दय से तुम को करता प्रणाम ,
देती उसको मोक्ष का वरदान !!
जय जय गंगे मैया हर हर गंगे
मैया !
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
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