हम पेड़ क्यों लगायें व्यंग्य
हर किसी का पोस्ट आ रहा है
पानी खत्म हो रहा है।
पेड़ लगाये पेड़ लगायें?
पर्यावरण को बचायें।
पर हम पेड़ क्यों लगायें ?
वनों का राष्ट्रीयकरण हो गया है।
पेड़ काटना अपराध हो गया है ।
तो पेड़ काट कौन रहा है सरकार ?
सरकार पेड कटवा रही है
तो सरकार पेड़ लगाये।
बार- बार नलों से पानी नही आना ।
पानी पानी को लोग तरस जाना
इसकी जिम्मेदार कौन हैं?। हम..?
लाईट गोल होना,
सड़कें ठीक न होना,
यातायात व्यवस्था न होना
बेरोजगारी का होना
इन सबकी जिम्मेदार कौन है ? हम...?
पानी का बहुत संकट हो रहा है।
गर्मी में तापमान विकट हो रहा है
तो सरकार व्यवस्था करे!
मुफ्त पानी देने कहने वाले कहाँ गये... ?
वोट लेकर जाने कहां चले गये
क्या उनका ही पानी मर गया?
समाज क्या कहेगा
जब पानी नहीं रहेगा।
तो हम क्या करें ?
और फिर पानी है कहाँ?
पानी तो आदमी का मर गया।
हम आज की चिंता करते हैं
कल की चिंता न करते है।
जिसका पानी मर गया है
वह जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं
और जो पानीदार हैं नहीं
वे पेड़ लगाओ का नारा दे रहे हैं।
पहले उस पेड़ को दुरुस्त करो
जिस संविधान की जड़ों से
लोकतंत्र का पेड़ खड़ा है ।
और अपनी- अपनी टहनियों में
अपनों में ही बँटा पड़ा है।
भाई साब हम पेड़ क्यों लगायें
आप बतायें पेड़ कहाँ लगाये
नाली में मकान है
गली में दुकान है
पेड़ की जगह नहीं
इतनी सी पहचान है
अब किसी के घर के सामने
पेड़ लगाने से रहे
पैर में कुल्हाड़ी
मारने से रहे।
जंगल में पेड़ लगा नहीं सकते
जबरदस्ती करा नहीं सकते
जबसे वनों का राष्ट्रीयकरण हुआ है
पर्यावरण प्रदूषित ज्यादा हुआ है।
बार - बार कहते हैं पेड़ लगायें
जरा इतना तो बतायें
पेड़ लगाये या पौधे लगायें
पेड़ और पौधे में
कुछ अंतर बतायें
पेड़ लगा भी दिए तो
उसे किस पानी से सींचें
नल कनेक्शन के लिए
दर दर भटके मेहनत का पानी
या सार्वजनिक नल से
झगड़ा करके भरा हुआ पानी
भाई साब बतायें
किस पानी से सीचकर
हम पेड़ लगायें?
आप बताये खेत के लिए
नलकूप के परमीशन
पर कमीशन वाला पानी
किस पानी से सींचें बतायें
हम पेड़ क्यों लगायें
आपने पेड़ किस पानी से सींचा है
कितनों के हसरतो को भींचा है।
संस्कारों का वह पानी तो बतायें
जिसे सींचकर हम पेड़ लगायें
भाई साब हमें जरुर बतायें
हम पेड़ क्यों लगायें।
डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी
मो.7000041610
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