मैं तुम्हें देख लूँ तुम मुझे देख लो।
प्यार कैसा हुआ है उसे देख लो।।
क्यूँ नजर ये हमें आजमाने लगी।
दूर से ही सही गौर से देख लो।।
मिल गई है डगर अब हमें प्यार की।
उस डगर में चले जो उन्हें देख लो।।
ये कदम प्यार में अब निकल ही गये।
प्यार बढ़ते गया क्यूँ जरा देख लो।।
खिल गई है नजर चेहरा है खिला।
दो दिलों की जरा धड़कने देख लो।।
ये नशा प्यार का अब चढ़ा है जरा।
इस जहर से नशे के मजे देख लो।।
गा रहे हैं गजल हम तुम्हारे लिये।
इस गजल की बहर में हमें देख लो।।
डॉ रामकुमार चतुर्वेदी
0 टिप्पणियाँ