श्री राज के परिवार ने घर पर रहते हुए बहुत से गमले लगाए, आँगन मे पेड़ लगाए और पौधों की क्यारी बनाई. जिससे उनके घर का पर्यावरण बहुत अच्छा हो गया. श्री राज के परिवार को देखकर कॉलोनी के कुछ और लोगों ने ऐसा ही किया और देखते देखते पूरा पर्यावरण बदल गया.जब कोरोना की वजय से लॉकडाउन लगा और सभी की ज़िन्दगी से भागदौड़ रुक गयी तब हमें प्रकृति मे बहुत से सुखद बदलाव देखने को मिले जैसे गंगा नदी की निचली सतह साफ-साफ दिखने लगी, शांत माहौल हो गया, परिवार मे सम्बन्ध मधुर होने लगे आदि.हमें लगा की हम अस्सी के दशक के भारत मे आ गए हैं. और पर्यावरण कितना अच्छा हो गया है. अगर ऐसा पर्यावरण हमेशा रहे तो सभी कहानी सुखद हो सकती है.
सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "
झज्जर (हरियाणा )
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