कुसुम और उनके पति मयंक का मानना है कि उनके जीवन में समृद्धि और घर की शांति तबसे ज्यादा शुरू हुई जब से उन्होंने रात में एक रोटी गली के कुत्ते को खिलाना शुरू किया ।गली के उस कुत्ते का नाम उन्होंने टोनी रख दिया था।टोनी भी उनका आवाज़ पहचानता था।अब तो कुसुम मयंक के रोटी रखते ही और आवाज़ लगाते ही टोनी भागकर आता और रोटी उठा ले जाता। अब तो यह रोज की बात थी,सो वह रोटी गेट के बाहर रखकर टोनी को आवाज़ लगाते और गेट लगा देते और कुत्ता आवाज लगाते ही भो भॊ करता आता और रोटी लेकर चला जाता ।आज जैसे ही रात हुई दोनों ने रोटी रखा , तो एक सज्जन ने आवाज़ लगाई, और पास आकर कहा मैं आपके सामने रोड के दूसरी तरफ रहता हूं। आप अब रोटी यहां मत रखा करें आप की रोटी खाने वाला लड़का ....... उसका कल एक्सीडेंट हो गया है ।आपकी रखी रोटी लेकर जैसे ही झूमता हुआ जा रहा था वैसे ही ट्रक ने उसे धक्का मार दिया। यह सब सुनकर हतप्रभ आवाक मयंक और कुसुम ने कहा - हम तो रोटी कुत्ते टोनी को देते थे और वह भो भो करते हुए हमेशा की तरह आता और रोटी लेकर चला जाता। जी टोनी दस दिन पहले ही ऐक्सिडेंट में मर चुका है। पर भाई साहब कुत्ते की आवाज........ कोई बड़ी बात नहीं बहन,पेट क्या नहीं कराता,कला या तो जरूरत से या शौख से उपजती है।और यह तो बात रोटी की थी.....
प्रवीण राही(25-05-2020)
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