भाषा की मर्यादा-रेनुका

रागिनी औऱ रवि अपनी पढ़ी लिखी सुघड़ बिटिया रेवा के लिए उचित वर की तलाश कर रहे थे ।  रेवा एक मल्टीनेशनल कम्पनी में गुड़गांव में कार्यरत  थी । तभी रवि के दोस्त सुजीत का फोन आया कि उसके बेटे संजय की पोस्टिंग दिल्ली  में है उस से मिलने वह वहाँ आ रहा है ।सुजीत ने अपने बेटे संजय को भी रवि के यहाँ ही बुला लिया ।रवि हम अपनी रेवा के लिए लड़का ढूढ़ रहे है अगर संजय अच्छा लगता है तो बात चलाये क्या ?  हाँ क्यों नही रागिनी ,इस से हमारी सालो पुरानी दोस्ती रिश्तेदारी में बदल जाएगी । बहुत अच्छा आईडिया है । शाम को सुजीत और संजय दोनों साथ ही आ गए ।  तभी संजय की माँ का फ़ोन आ गया ।बेटा पहुँच गए आंटी के यहाँ ? कैसे है सब लोग ? क्या मम्मा आप भी कभी भी फ़ोन कर देती है । इतना थका हुआ हूं ,अभी तो ऑफिस से आया हूं  , हर समय पीछे पड़ी रहती है । "''.    झुंझलाते हुए संजय ने जवाब दिया।रागिनी ने रवि की तरफ देखा और न में गर्दन हिला दी ।


 रेनुका सिंह 
गाज़ियाबाद / लखनऊ


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