प्रयास-अतुल मल्लिक अनजान

आखिर यह अन्याय, अत्याचार, शोषण, उत्पीड़न, लूट-खसोट, आगजनी,डाकजनी,छेड़खानी, बलात्कार, हत्या, अपहरण कब तक होता रहेगा? कब तक हम नेताओं के झूठे वादे सुनते रहेंगे? कब तक भ्रष्ट्राचार खत्म होगा? कब तक हमारे समाज में अमन-शांति बहाल होगा? कब तक हम लोग देश की मुख्य धारा से जुड़ पाऐंगे? आखिर कब तक हमें हमारे ही बंधुओं से लड़ाया जाएगा? जाति-धर्म के नाम पर भड़काया जाएगा? मंदिर-मस्जिद विवाद में हमें उलझाया जाएगा? कब तक हमारे बच्चे इस अशैक्षिक माहौल में शिक्षा ग्रहण करेगा?जहां शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है वहां अपना भविष्य उज्ज्वल कर पाएगा? आखिर कब तक हमें हमारे ही अधिकारों से वंचित किया जाएगा? गरीबों-शोषितों की हक की बात सभी करते हैं,पर धरातल आपके सामने है। भाईयो!और बहनों "
        "बस,बस,बस , रूको-रूको! अरे भोला! यह तुम्हें आज क्या हो गया? सबेरे-सबेरे झाडे़ जा रहा है, भाँग-ताँग खा लिया है क्या रे? नहीं रे रामू !नेता बनने का प्रयास कर रहा हूं! चुनाव आने वाला है न!"
      "भक!"
                               
अतुल मल्लिक अनजानग्राम-जगन्नाथपुर, पोस्ट-बनैली, जिला-पूर्णिया, पिन -854201 (बिहार)



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ