रक्षाबंधन-अलका


नूपुर कुछ सोच नहीं पा रही थी क्या करे रक्षाबंधन ३ अगस्त को है पुरे शहर में पाँच महिने से लाकडाऊन है कैसे जायेगी भाई को राखी बांधने सारी बहने तो वहीपास में है मैं ही इतनी दूर हूँ।वह अपने विचार की लहरों में गोते लगा रही थी की शुभम ने आकर उसकी मनोस्थिति को भाँपते हुए कहा क्या बात है हमारी जान आज बहुत गमगीन है , क्या बात है , यह नाचीज़ आप की समस्या का निदान कर सकता है तो बताए , मैं आपकी समस्या को सुलझाने में क्या मद्दत कर सकता हूँ ! 
“ नूपुर कुछ नहीं शुभम रक्षाबंधन आ रहा है पर लाकडाऊन लगा है । यही तो मौक़ा होता है हम बहनों को भाई से मिलने का ख़ुशियाँ बाँटने का पर अब कैसे रक्षाबंधन मनाऊँगी बस इतनी सी बात मेरे ज़ेहन में एक बात थी , आप इस लाकडाऊन को स्पेशल बना दे “चहकते हुए नूपुर ने शुभम से पूछा “ वो कैसे ?“ शुभम ये बात हुई अब लग रहा है तुम इस घर की रानी हो 
इस बार तुम मायके तो जा नहीं पाओगी .,समझो में तुम्हें कार से ले चलूँ तो क्या वहाँ सब लोग ख़ुश होंगे उन्हें डर तो होगा न की तुम बहार से आ रही हो कोरोना का डर तो सबको ही है तो क्या वहाँ जाना चाहिए ..?“नूपुर आप ठीक कह रहे हैं क्यों सब को संकट में डाले आन लाईन ही राखी बांध दूगी अब तो सब ऑनलाइन ही होगा !“नूपुर आप कुछ बात बता रहे थे !शुभम  वो मैं सोच रहा था इस बार हम क्यों न कोरोना योद्धाओं को राखी बांधे जो रात दिन एक कर मरीज़ों की सेवा कर रहे हैं और अपनी जिदंगी को दांव पर लगा लोगों को जीवन दान दे रहे है . और अपनी जान दांव पर लगा रखा है कितनों की तो जान ही चली गई ..? नूपुर यह तो बहुत अच्छा आयडीया है ।हम सब के लिए कोई तोहफ़ा भी ले लेंगे उनकी सेवा का मुल्य तो हम चुका नहीं सकते पर शबासी देकर उन्हें हौसला दे सकते है ।शुभम ने कहाँ तो लिस्टबना  लो मैं अपूर्वा अस्पताल और पुलिस स्टेशन से परमिशन निकाल लेता हूँ ।कल हम चलेंगे जी मार्ट से सब सामान ले आयेगे तुम सब के लिए मास्क सेन्टाइज आदि भी लिस्ट बना लेना ...
नूपुर का सारा विषाद दूर हो गया वो बहुत खुश थी मैं तो एक ही भाई को राखी बांधने कोपरेशान  थी शुभम ने तो मुझे अनेकों भाईयो की सूनी कलाई पर राखी बांधने का मौक़ा मिलेगा !नूपुर गाना गाते हुए “भैया मोरे राखी के बंधन निभाना ....गाना 
गाते हुए काम करने लगी ।



डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई 



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