रक्षाबंधन हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है|हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है|जो सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है|रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र-प्रेम का प्रतिक हैं|इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं|और अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं, उनकी खुशियों की कामना करती हैं|और भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देते हैं |
रक्षाबंधन का शाब्दिक अर्थ है रक्षा करने वाला धागा यानि बंधन|यह राखी का त्यौहार सम्पूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है हम यह पर्व सदियों से मनाते चले आ रहे हैं|भाई-बहन के पवित्र-प्रेम का त्यौहार है|इस दिन बहने पूजा की थाली सजाती हैं|जिसमें चावल, कुमकुम, धूप-दीप मिठाई और राखी रखती हैं|चौका पर भाई को बैठाती हैं|टीका लगाकर भाई की आरती करती हैं|फिर उसके बाद राखी बांधकर मिठाई खिलाती हैं|भाई भी उपहार स्वरुप अपनी बहन को गिफ्ट या रूपये देते हैं|इस तरह प्रेम का आदान-प्रदान हो जाता है|
रक्षाबंधन महाभारत की कथा में भी वर्णित है|एकबार भगवान श्रीकृष्ण को ऊँगली घायल हो गया तो द्रोपदी ने अपने आँचल को चिरकर घायल ऊँगली को बांध दिया जिसमे लहू बहना बंद हो गया|और इस उपकार को भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोपदी के चीरहरण में उनकी लाज बचाकर वचन को पूरा किया था|क्योंकि उन्होंने द्रोपदी को संकट में सहायता करने का वचन दिया था|इसी तरह मेवाड़की रानी ने बादशाह हुमायु को को राखी भेजकर अपने राज्य की रक्षा के लिए मदद मांगी थी|रक्षाबंधन का त्यौहार एक ऐसी परम्परा है जो हमें आपस में जोड़ती है|इसलिए इसे आज भी सब धूम-धाम और पुरे उल्लास के साथ मानते हैं ||
अंजली रॉय
समस्तीपुर
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