स्वयंवर-अर्चना

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आजकल हिन्दुस्तान का नक्शा कुछ बदला -बदला सा नजर आने लगा है।लाँकडाउन के चलते रामायण और महाभारत देख देख कर घर में अब सतयुग जैसा माहौल हो चुका है।घर के दरवाजे पर जैसे लक्ष्मण रही  रेखा खीच दी गई है।  किटी पार्टी ,और अन्य समारोह बंद होने से ब्यूटी पार्लर को तो जैसे कोरोना का श्राप मिल गया --कि जा तेरे सारे ग्राहक हिडिम्बा बन जायेगी।ऐसे में मिसेस शर्मा अपनी अपर लिप्स पर उग आए बालो को मास्क से ढककर रामायण मे सीता स्वयंवर का प्रसंग देखने सोफे पर जम गई।
भाव विभोर होकर देख रही मिसेस शर्मा अचानक उठ खडी हुई।बेचारे सोफे की टूटी स्प्रींग ने जैसे राहत की सांस ली !उठते ही मिसेस शर्मा बोली --  हे!आर्य पुत्र  हम भी अपनी बेटी का विशाल स्वयंवर करेगे।नो खर्चा और खूब चर्चा ।पतिदेव हँसते हुए बोले --लौट आओ देवी!  ये कलियुग है।बेटी ने भी उछलकर मोबाइल से नजरे हटाई और प्रसन्नता से बोली ---  वाह! स्वयंवर ."वावँ माँम ! ग्रेट बडा मजा आयेगा सारे मजनूँ एक साथ ...ओह माँम इट्स अमेजिंग।आजकल ये यूज एण्ड थ्रो और डिस्पोजल लव  मे अब वो मजा नहीं आता । पेंचअप और ब्रेकअप का गेम अब  बोरींग लगता है।क्या आईडिया है...कहकर वो माँ से लिपट गई।


मिसेस शर्मा ने मन ही मन स्क्रिप्ट एक्शन और ड्रामा की पूरी रील तैयार कर ली ।वाह !मजा आयेगा इसमे एक्शन, थ्रिल और रोमांस सब कुछ एकसाथ होगा।युद्ध के शंखनाद की तरह मिसेस शर्मा ने एलान कर दिया --आज से लडको की तलाश बंद और सीधे स्वयंवर प्लान करो -- मिसेस शर्मा ने तुरंत कुछ मेट्रोमोनियल ग्रुप्स से संपर्क किया और आनन -फानन में कुछ टी.वी.चेनलो से आँनलाइन प्रसारण की बात भी कर ली ।फिर क्या था ब्रेकिंग न्यूज़ ने भी खूब धूम मचाई और पूरा शहर स्वयंवर की चाशनी मे डूब गया।नया आयटम देख स्पांसरो मे भी होड लग गई।


मिसेस. शर्मा की बेटी कुछ गंभीर मुद्रा मे बोली  -- मम्मा त्रेतायुग मे सीता के डैड ने टेबल पर धनुष रखा था ,और द्रोपदी के डैडी ने ब्ल्यू व्हेल जैसा कुछ गेम रखा था ।तो हम क्या रखने वाले हैं?अरे तुम चिन्ता न करो ये डिजिटल युग है हम कोई नया आइडिया ट्राय करेंगे हम र्ट्रायपाँड स्टेड पर मोबाइल कैमरा सेट करवाकर टीकटाँक विडिओ मंगवायेगे जिसमे झाडु बर्तन से लेकर खाना बनाने का तक का टारगेट होगा।बस टारगेट कम्पलिट करो और स्वयंवर के लिए सिलेक्शन हो गया।


स्वयंवर की चर्चा अब जोर पकड चुकी थी  मिडिया का जमावड़ा हो चुका था ।लोगों की नजरें अब इसी ओर थी । उत्सुकता,मसखरी और सब कुछ सेट था ,बस स्वयंवर शुरू होने की देर थी ।मिसेस शर्मा ने अपनी स्क्रिप्ट से एक्शन वाला सीन क्रिएट करते हुए कहा --ये कलियुग का स्वयंवर है।इलेक्ट्रॉनिक युग मे लडके लडकियां टीकटाँक जैसे काल्पनिक फैटैसी में अपनी कल्पना के घोडे दौडाते रहते है।धार्मिक सीरियल की टी.आर.पी.चार गुना बढ़ चुकी थी ।डेट फिक्स होते ही आँनलाइन लडके कतार मे खडे मिले।
टिक टॉक के वीडियोस के आधार पर चयनित नमूने अपनी कला के नमूने प्रस्तुत करने लगे। शुरुआती प्रतिभागियों की हरकतें बता रही थी कि भले युग त्रेता  हो या सतयुग,द्वापर हो या कलियुग   दूल्हा बनने  के लिए पुरुष कहां तक जा सकता है। हालांकि कुछ आधुनिक अर्जुन भी थे, जो सीधे मिसेज शर्मा की चयन सूची का संधान कर रहे थे और निशाने सीधे उनकी बेटी के दिल पर लगा रहे थे। शर्मा जी भीबडे प्रसन्न थे ।स्वयंवर का परिणाम जो भी हो ,पर वे जान गए थे कि भविष्य मे लडकियों की एहमियत बढने वाली है।लाँकडाउन ने आगे दौडती जिन्दगी को कुछ पीछे धकेल कर हमारी पुरातन परम्परा और सादगी को फिर हमारे हाथ मे थमा दिया है।
परिणाम जो भी हो शर्मा जी की बेटी भविष्य की वरमाला लिए तैयार खडी है -- स्वयंवर के बहाने ही सही उसे अपने फैसले स्वयं लेने के अधिकार मिल गए थे। मिसेस शर्मा भी खुश है ,कि लाँकडाउन टाईम मे वो अपनी बेटी के लिए लडका ढूँढने की ये तरकीब सफल रही।उधर मिसेस शर्मा के साथ साथ अन्य लडकियां भी हाथ मे वरमाला लिए पुष्पक विमान में बैठ स्वर्ग सैर करने मे व्यस्त है।


 


अर्चना मंडोला



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