तेरी याद में -अलका




तेरी याद में , रात रात भर जागी
इधर उधर ख्यालो को ले  भागी 
बार बार लिख मिटाती तेरा नाम 
रोज़ तेरी याद नयन छलकाती !!


लाख जतन कर हारी,  भूला न पाई !
तेरे ख़तों से  खुशबू आज भी आई !!
दिल के ज़ख़्म हरे कर जाती है यादे ! 
तेरी कहानी यादें बन आँखों में छाई !!


वो सुनहरे पलों की यादें बहुत सताती है !
हंस हंस कर बतियाना बहुत याद आती है !!
डर कर आंखे भींचूँ तेरा चेहरा दिखता है ! 
कसक दिल में उठती है बेक़रारी तड़फड़ातीं है !!


तेरी याद में नगमें लिख लिख जाती  ! 
जितना लिंखती उतनी बातें याद आती  !!
कैसे पाऊ तेरी यादों से छुटकारा कोई बता दे !
इस जहां को छोड़ कर खूब सोना चाहती !!
तेरी याद में मरना चाहती .... 

डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ