तुम्हारी याद में-किरण बाला



तुम्हारी याद में जाने , कैसे दिवस बीत रहे
यादों के इसी भँवर में, नौका को खींच रहे


बीते दिनों के सभी पन्ने, एक -एक बाँच रहे
 हम दिल के हर कोने से, तुम्हें ही पुकार रहे


इन पथराई आँखों से , राह को निहार रहे
 मौसम के सब रंगों में, खुद को हम ढाल रहे


लंबी घनेरी रात में, चाँद को तकते रहे
तारों को गिनते - गिनते, खुद से  उलझते रहे


आस दीप की लौ जगाए , दिल को संभाल रहे
मिलन की उम्मीद लगाए , खुद को संवार रहे



 किरण बाला



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