दिल में हिन्दोस्तान रहने दो
इस तिरंगे की शान रहने दो
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जिंदगी को समझने की खातिर
दिल में गीता का ज्ञान रहने दो
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कुछ तो अम्नो अमां रहे कायम
नफरतों के बयान रहने दो
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तल्खियां बातों में नहीं अच्छी
अपनी शीरी जुबान रहने दो
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मिट गए हैं जो देश की खातिर
उन शहीदों का मान रहने दो
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तोड़ कर अब दीवार नफरत की
सबको ही इक समान रहने दो
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रमा प्रवीर वर्मा
नागपुर , महाराष्ट्र
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