महबूब चला गया मेरा इश्क़ अधूरा रह गया
अफ़सोस होता है मेरा इश्क़ अधूरा रह गया
तुमको थामने का मादा मुझमें आज भी है
बस सोचता हूँकि मेरा मुश्क़ अधूरा रह गया
ख्वाहिश तो थी तुझे सोने की परी बना दूँ
हालात देखो ये तेरा तनिष्क^अधूरा रह गया(गहना)
जो रोना भी पड़ता तो,तेरा साथ मिल जाता
आँखें भी बोल उठी अश्क़ अधूरा रह गया
मैं रकीबों की चाल से बाल-बाल बच गया
सोचते होंगे की उनका रश्क़^ अधूरा रह गया
(डाह, जलन)
प्यासा था "उड़ता" मश्क़^ अधूरा रह गया
(खाल से बना पानी का थैला )
अफ़सोस होता है मेरा इश्क़ अधूरा रह गया
स्वरचित मौलिक रचना
द्वारा - सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता "
झज्जर - 124103 (हरियाणा )
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