जरा याद करो कुर्बानी-उपेन्‍द्र

 



 


मां मैं दो महीने से तुमसे बात करने के लिए सोच रहा था। मैं जानता हूं कि मैं बात क्यों नहीं कर रहा था । लेकिन मैं आज  तुमसे बात कर रहा हूं ।‌ यह मत समझना कि मैं तुमको भूल चुका हूं । एक तरफ भारत माता है ।जो मेरे ही नहीं सारे हिंदुस्तान की माता है‌। सारा देश की मां है। उनके सेवा  में हमे  इतना भी याद नहीं रहा कि मैं आपसे बात करूं। जो आपने मेरे लिए दिन-रात भगवान से मेरे लिए मनौतिया मांगती रहती हैं ।मां तुम इस बात को जानने के लिए व्याकुल होगी कि मैं दो महीने से क्या कर रहा था।


तो सुनो मैं एक बहुत ही दर्दनाक हादसे के बारे में आपको जानकारी दे रहा हूं 10 मई के वह भयानक रात जो कि हमारा पड़ोसी देश के उग्रवादी, इंसानियत के हत्या करके गोला बारूद से चारों तरफ बहुत भारी गड़गड़ाहट फैल गया था । ना जाने कब मेरे हाथ के पकड़ बंदूक पर कसते चले गए। उस समय हमारा शरीर के अंदर ना जाने कहां से जोश आ गया कि हम उसका ध्यान नहीं कर सकते।एक आदमी का जिंदगी का मूल्य समझ में आ रहा होगा कीमत एक जिंदगी के लिए एक छोटा सा टुकड़ा शीशा के समान  जहां टूटा कि चारों ओर बिखर गया। हमारा एक साथी अपने मौत से लड़ते हुए शहीद हो गया।


ना जाने मेरे अंदर कहां से जोस आ गया कि मैंने उस दुश्मन को खड़े-खड़े धाम - धाय गोलियां बरसाने चालू कर दिया ना जाने कितने दुश्मन मेरे गोली के शिकार हो गए तब तलक अचानक एक दुश्मन की गोली मेरे दाहिने बाजू को चीरते हुए अंदर चला गया। उस समय मैं मूर्छित होकर जमीन पर धड़ाम से गिर पड़ा। इसके बाद हमारा कुछ भी याद नहीं रहा मां , कि हम कहां और किस जगह पर हूं। कुछ समय के बाद जब मेरा होश आया तो मैं अपने आप को बेबस  पाया और जो मेरे साथ जो मेरा दोस्त मित्र था। जो मेरे साथ दो बरस से रहा। वह वीर सपूत भारत मां की गोद में समा चुका था। यानी शहीद हो गया।


गोलियों की गड़गड़ाहट अभी तक हो रहा था। हम एक बार उठने की कोशिश किया लेकिन सफल नहीं हो सका मेरा शरीर बहुत पीड़ादायक हो चुका था। सारा शरीर दर्द के टुटा जा रहा था।और उधर गोली बंदूक चलते रहे मेरे मन में विचार आया कि अगर किसी भी तरह से किसी भी ओर से बम का गोला अगर गिर गया। तो उस समय पहली बार मेरे अंदर मौत का डर का अनुभव हुआ । हम भगवान से मौत मांग रहा था। क्योंकि मेरा शरीर एकदम जवाब दे चुका था।मै  दर्द से बेचैन हो रहा था।  कि हम भी अपने मित्र के साथ शहीद हो जाए ।
कितना रोमांचकारी वह अनुभव था मां , मौत के भय और इंतजार उसी समय तुम्हारा चेहरा मेरी आंखों के सामने आ गया। तुम्हारी ममता , तुम्हारा प्यार, तुम्हारा दुलार , मेरे आंखों के में समाते चले गए हम इस बात को भुल गए कि हम इस समय कहां हैं। बस तुम्हारी सूरत मेरे जेहन में उतरती चली गई। ऐसा लग रहा था कि पूरा का पूरा आकाश चेहरों से भर गया । और एक और चेहरा मेरे आंखों के सामने संध्या का था जो खिला-खिला सूरत और हंसती मुस्कुराती नई नवेली दुल्हन मेरा इंतजार कर रही होगी। वह भी मेरी आंखों के सामने नाच रहा था। मेरे बाल बच्चों का चेहरा  मेरे सामने आ जा रहा था। कि वह भी अपने पापा का घर पर इंतजार कर रहे होंगे। लेकिन मां जो भी बात मैंने बताया उस सब एक भयानक रात थी।
अगर मैं भी अपने देश की रक्षा के लिए मर मिट जाऊं तो मां तुम  चिंता मत करना । तेरा वीर सपूत तिरंगे में लपेटकर देश का नाम रोशन करेगा। एक बार  मैं उठने की कोशिश की मेरा बंदूक की तरफ मेरा हाथ पहुंचा। लेकिन मेरा शरीर जवाब दे चुका था मां, मैं धड़ाम से जमीन पर लुढ़क गया। बहुत मैंने उठने की हिम्मत की लेकिन उठ नहीं सका ।  हमारा जन्म मातृभूमि की सेवा करने के लिए हुआ है मां , मैं बेचैन हो उठा जैसा लग रहा था । तुम्हारा बेटा, दुलारा बेटा तुमसे बहुत दूर जाने  वाला है। अब  इंतजार भी खत्म होने वाला है। लेकिन मां वह तुम्हारा प्यार और दुलार स्नेह वह करून वेदना वह करुणामई मेरे सारे अरमानों को फिका कर रहा था। मेरा मन बेदना से भर गया । लेकिन मैं अपने फर्ज के चलते मजबूर था। एकाएक मोर्चा शांत हो गया । विनाश का काम बंद हो गया । मैं तो बच गया बाकी जो हमारे साथी लड़ते-लड़ते शहीद हो गए , ऐसा लग रहा था वह मेरे से तेज नसीब वाले हैं । जो अपनी मातृभूमि देश की सेवा करते करते अपनी जान निछावर कर दिया।
इस समय मां मैं अपने देश के हॉस्पिटल में भर्ती हूं। वही सब चेहरा मेरे सामने नाच रहा है। वही डरावनी रात वह लड़ाई का मैदान यहां पर कितनी शांति है।
मां चारों तरफ सफेद  सफेद नजर आ रहा था। सफेद तो शांति की निशानी है मां डॉक्टर और नर्स प्यार से आकर मुझसे पूछते कि आपको कोई तकलीफ तो नहीं लेकिन मैं कहता नहीं मेरे को कोई दिक्कत नहीं है । आप सब चिंता ना करें मैं ठीक हूं। कोई बात नहीं मेरे देश के प्रधानमंत्री भी यही कहते हैं। कि लड़ाई के मैदान में खाली सेना ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा देश लड़ता है।  तब मेरे समझ में आया की नहीं मेरे साथ पूरा देश है । पूरा देश उग्रवादियों से लड़ रहा है।
हां एक बात और बता देना चाहता हूं । मां आपको कि अब  मुझको मोर्चे पर लड़ने की इजाजत नहीं मिलेगी, लेकिन मैं जब इस बात को सुना तो मेरे अंदर बहुत दुख हुआ की अपने देश के दुश्मनों को जवाब नही दे सका।।।


तुम्हारा लाल अभी एक हाथ को खो चुका है मां , सेवा करने वाला हाथ को काट दिया गया है‌। क्योंकि इंफेक्शन फैलने का डर था ।  लेकिन मायूस मत होना मां कुछ भी मेरे बारे में चिंता मत करना , दुखी मत होना , मेरा नसीब जैसा था वैसा हुआ। मैं जानता हूं मां की अपनी छाती को आपने कैसे मनाया होगा। अपने वेदना को किस तरह छुपाया होगा सब मैं जानता हूं । अपनी मां बाप भाई बहन भौजाई अपने हृदय को कैसे मनाया होगा। लेकिन मां तुम चिंता मत करना जिंदा तो हूं।


 तुम्हारा लाल तुम्हारा बेटा तुम्हारे आंख का तारा अब सही सलामत से है‌। लेकिन एक हाथ के सिवा तुमको यह जानकर खुश होना चाहिए ना कि तुम्हारे कोख से पैदा हुआ एक बेटा जिंदा है। अपनी कोख पर गर्व करना चाहिए। मां कि तुम्हारा बेटा एक महान काम कर रहा है। और करता रहेगा। क्या हुआ एक हाथ चला गया तो एक तो हाथ है ।  उसी से मैं अपने देश की सेवा करता रहूंगा।
मां जो मैंने सपना सोचा था वह मैंने पूरा कर लिया। इतना सुनने में आया है कि हम को सेना से निष्कासित नहीं किया जाएगा। लेकिन इतना होगा कि हम बंदूक को लेकर मोर्चे पर कहर बरसाने वाला हावलदार विजय नहीं।  मैं एक अपाहिज दीन दुखी विजय किसी छावनी में एक टेबल पर बैठकर कुछ लिखना पढ़ना बस क्लर्क के पद पर रहना, पड़ेगा मां आप मेरे लिए एक भी आंसू  मत बहाना हमारा दिल भी रोने लगेगा। जब तुम भी मुझको सहारा नहीं दोगी तो कौन देगा मां आज तुम्हारे मनौती के बदौलत आज मेरा जीवन बचा हुआ है। तुम्हारा पुण्य प्रताप के फल स्वरुप और अपनी पत्नी का तीज त्यौहार व्रत का फल है। जो आज मैं जिंदा हूं। संध्या का पति तुम्हारा  लाल 
इस देश को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा । मैं अपना कर्तव्य पूरा कर चुका हूं। मैं बहुत जल्द घर आने वाला हूं मां, मैं  अपना बात बंद करता हूं । और आपके श्री चरणों में दर्शन की अभिलाषा लिए आपसे मैं जल्द मुलाकात करूंगा मां , तुम्हारे चरणों को प्रणाम करते हुए मैं अपनी पत्नी को, बाल बच्चों को ढेर सारा प्यार और स्नेह दे रहा हूं ।


                        तुम्हारा बेटा 
                      हवलदार विजय    
                       काश्मीर से।
उपेन्द्र अजनबी
सेवराई गाजीपुर उत्तर प्रदेश
7985797683



 


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