अगड़म बगड़म गाती है ये जीवन की राह ,
सुख दुख लेकर जाती है ये जीवन की राह।
दोराहें पर आकर भगत चुनना राह सही ,
गलत सोच से भटकाती ये जीवन की राह।
जिन राहों पे भीड़ चले अवरोधों के साथ ,
अक्सर सच बतलाती है ये जीवन की राह।
सीधी सरपट राह पर अगर पथिक हों थोड़े ,
मंजिल नहीं पहुँच पाती ये जीवन की राह।
अच्छे कर्मों से पाओ खुशियों वाले फूल ,
सही गलत सिखलाती है ये जीवन की राह।
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महेंद्र कुमार वर्मा
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