जीवन की राह-महेंद्र कुमार वर्मा




 


अगड़म बगड़म गाती  है ये जीवन की राह ,


सुख दुख लेकर जाती है  ये जीवन की राह।


 


दोराहें पर आकर  भगत चुनना राह सही ,


गलत सोच से भटकाती ये जीवन की राह।


 


जिन राहों पे भीड़ चले अवरोधों के साथ ,


अक्सर सच बतलाती है ये जीवन की राह।


 


सीधी सरपट राह पर अगर पथिक हों थोड़े ,


मंजिल नहीं पहुँच पाती  ये जीवन की राह।


 


अच्छे कर्मों से पाओ  खुशियों वाले फूल ,


सही गलत सिखलाती है ये जीवन की राह।


------


महेंद्र कुमार वर्मा


 



 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ