क्‍यों डूबी-इंदू


लाखों करोड़ो रुपए के क़र्ज़ के बोझ तले दबी बैंकिंग सेक्टर की चुनौतीपूण हालत, "बाहरी और आंतरिक चुनौतियों" के कारण नकदी की कमी से जूझ रही बीएसएनएल अपने 1.7 लाख कर्मचारियों की तनख़्वाहों के लिए धन जुटाने की कोशिश करती रही. ... कुछ लोग कह रहे हैं कि बीएसएनएल को बंद कर दिया जाए. कुछ इसके निजीकरण पर ज़ोर दे रहे हैं ।मुंबई. भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल करीब-करीब बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। फरवरी में वो अपने कर्मचारियों को सैलेरी तक नहीं दे पाई है। उसने यह भुगतान मार्च में किया। यह स्थिति तब है जब जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी प्राइवेट कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं। कभी सबसे प्रतिष्ठित टेलिकॉम कंपनी मानी जाने वाली बीएसएनल के आज देश में 11.5 करोड़ मोबाइल यूजर हैं। देश में उसका मार्केट शेयर 9.7 फीसदी है।कारणों से बर्बाद हो रही है बीएसएनएल
 1. कंपनी ने 4जी स्पेक्ट्रम नहीं लिया - वर्ष 2017 में बीएसएनएल ने 4जी स्पेस्ट्रम की नीलामी में हिस्सा ही नहीं लिया। उस समय सरकार ने कहा था कि उसे भी दूसरी निजी कंपनियों के दाम  पर ही  स्पेक्ट्रम दिए जाएंगे। बीएसएनएल को उस समय ये अधिक लगा। बीएसएनएल आज भी 4जी रफ्तार नहीं दे पा रहा है।


2. डेटा स्पीड, वॉइस क्वालिटी में खराब -डेटा स्पीड, वॉइस क्वालिटी और नेटवर्क में कंपनी गुणवत्ता नहीं दे पा रही है। अपने नेटवर्क सुधारने के लिए उसने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन्स सेे इजाजत ली है कि बैंक से 3500 करोड़ का लोन ले सके जो मिला नहीं है। विशेषज्ञ कहते हैं इस राशि में सुधार नहीं हो पाएगा।  


3. राजस्व का 55 से  60% सैलेरी में : कंपनी राजस्व का 55-60% हिस्सा सैलेरी में खर्च करती है। फरवरी में वो 850 करोड़ रु सैलेरी नहीं बांट पाई। इसे मार्च में दिया गया। कंपनी ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन्स को 6,535 करोड़ रु का वीआरएस प्रस्ताव भी दिया है ताकि कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख को कम किया जा सके।


4. जमीन भी नहीं  बिक पा रही है : कंपनी की देशभर में काफी जमीन है। वो इसे बेचकर कुछ पैसा आ सके ।  वित्त मंत्रालय के विनिवेश विभाग को प्रस्ताव भेजा है। हालांकि इस पर विभाग ने विचार नहीं किया है। नियमानुसार बीएसएनएल अपनी जमीन प्राइवेट सेक्टर को किराए पर भी नहीं दे सकती।


कंपनी, कर्मचारी, ग्राहक ,राजस्व -


1 .बीएसएनल 1.76 लाख 11.4 करोड़ 1925 करोड़


2.वोडाफोन-आईडिया 27 हजार 41.8 करोड़ 7528 करोड़


3.एअरटेल 17 हजार 34 करोड़ 6723 करोड़


4.रिलायंस जियो 15 हजार 28 करोड़ 8272 करोड़


इन्दु उपाध्याय


 



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