आऊंगी मैं वापस
आऊंगी मैं वापस
एक नए रंग में...
एक नए ढंग में..
हर शब्द आलोकित होगा
हर वाक्य होंगे जीवंत
यह भी यदि कम पड़े तो
अर्थ करेंगे पूरित सारे मर्म
आऊंगी मैं वापस
एक नए रंग में....
एक नए ढंग में...
शब्द शब्द में नई लहर होगी
भावों की रसधार बहेगी
मीरा की संगीत भी होगी
रसखान की प्रीत भी होगी
आऊंगी मैं वापस
एक नए रंग में...
एक नए ढंग में...
प्रसाद का प्रेम भी होगा महादेवी का विरह भी
पंत की सुकुमारता भी होगी
निराला की स्वच्छंदता भी
आऊंगी मैं वापस
एक नए रंग में....
एक नए ढंग में...
हर शब्द सारगर्भित होंगे
हर वाक्य में होगा दर्शन
बस यही आकांक्षा मेरी
धन्य हो सबका जीवन
आऊंगी मैं वापस.....
अभी-
शोधार्थी (हिंदी)
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर
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