सावन मास की पूर्णिमा को,
पर्व है भाई-बहन का प्यारा !
भाई-बहन का पवित्र-प्रेम,
है रिश्तों में सबसे प्यारा !
रक्षाबंधन का यह त्यौहार,
ले आया है खुशियाँ अपार !
सलामत रहें प्यारे भईया,
प्रभु से है यही प्रार्थना आज !
थाल सजाकर लाई बहना,
कुमकुम तिलक लगाती आज !
सलामती की दुआ करती,
खिलाती मिठाई है आज !
भाई-बहन का अमर-प्रेम,
बँधा है रेशम के धागों से !
होता है भाई-बहन का प्यार,
सारे जहां में सबसे सच्चा !
बधाई हो सबको रक्षाबंधन का,
स्नेहपुष्प हमेशा खिलता रहे !
अमर रहे भाई-बहन का प्यार,
बँध जाए गाँठ लाख बरस का !
अंजली रॉय
समस्तीपुर, बिहार
मौलिक व स्वरचित रचना
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