रक्षाबंधन-अंजली रॉय 


 


सावन मास की पूर्णिमा को, 
पर्व है भाई-बहन का प्यारा !
भाई-बहन का पवित्र-प्रेम, 
है रिश्तों में सबसे प्यारा !


रक्षाबंधन का यह त्यौहार, 
ले आया है खुशियाँ अपार !
सलामत रहें प्यारे भईया, 
प्रभु से है यही प्रार्थना आज !


थाल सजाकर लाई बहना, 
कुमकुम तिलक लगाती आज !
सलामती की दुआ करती, 
खिलाती मिठाई है आज !


भाई-बहन का अमर-प्रेम, 
बँधा है रेशम के धागों से !
होता है भाई-बहन का प्यार, 
सारे जहां में सबसे सच्चा !


बधाई हो सबको रक्षाबंधन का, 
स्नेहपुष्प हमेशा खिलता रहे !
अमर रहे भाई-बहन का प्यार, 
बँध जाए गाँठ लाख बरस का !


अंजली रॉय 
समस्तीपुर, बिहार 
मौलिक व स्वरचित रचना



 


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