आइना-अलका


आईने में ख़ुद का अक्स देख खड़ी रह गई !
खुद को खुद में खोजती रह गई !!


पहले भी आईना सच बोलता था
आज भी वह सच बोल रहा ..
फर्क इतना आज समय की मार है !!


आईने ने कहाँ क्यो घबराती हो सफ़ेद बालों से
यह तुम्हारे अनुभव और सम्मान का प्रतिक है !!


एक अजीब सी शक्ति फिर मै पा गई !
बढ़ती उम्र के निशाँ को अनदेखा कर गई !!


अपना जीवन मैंने समाज के उत्थान में लगाया
आईने ने फिर मुझको खूब चमकाया !!


आईने ने कहाँ समय के साथ चलना ही असली ज़िंदगी है
जो बित गया सो बुत गया आगे की सोच !!


शुक्रिया आईना तेरा दिल से करती हूँ !
भ्रम तोड़ मेरा वास्तविकता दिखलाई !!


आईना सच दिखा हमें सम्भलने का मौक़ा देता !
बंदरंग हुई जिदंगी को खुशहाल बनाने की राह बताता है !!


हर समय हकिकत से रुबरु कराता आईना !
हमें हमारी असली तस्विर दिखाता आईना !!


आईना सदा साथ में रखना
बार बार चेहरा  देखना !
आईना तुम्हें बदलने पर मजबूर करेगा ,


जीवन महकायेगा आईना !!


डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
मौलिक
9920899214 


 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ