मेरे अरमानों की है कहानी
है सबसे प्यारी बिटिया रानी
सीप का मोती,बगिया का सुमन
माँ का ममत्व,पिता की है उमंग
उमस में ज्यों कोई शीतल पवन
भोर की ज्यों कोई प्रथम किरण
सुंदर सुकोमल मधुर है वाणी
है सबसे प्यारी बिटिया रानी
सुर - सज्जित सी हो कोई तरंग
इन्द्रधनुष के हों मानो सातों रंग
प्रवासी सा हो जैसे कोई विहंग
सुख-समृद्धि और कुशल प्रबन्ध
नटखट चंचल करे मनमानी
है सबसे प्यारी बिटिया रानी
संघर्ष-तप और परिपूर्ण लगन
बिटिया खिलाए घर में वसंत
पंक में खिलता हुआ सा कमल
बिटिया है एक अनमोल रतन
तीन कुलों की ये तारनहारी
है सबसे प्यारी बिटिया रानी
©किरण बाला
(चण्डीगढ़)
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