सच ही कहा है जितना सरल सयंमित जीवन होगा, आपका जीवन उतना ही खुशहाल रहेगा। देने की नीयत रहे, किसी से अपेक्षाएं न हो तो अवसाद मन को कभी घेरेगा ही नही ।आज के समय में भौतिकता के पीछे भागते भागते मनुष्य सभी सुख सुविधाओं से पूर्ण हो कर भी खाली है। जीवन से हँसी, सन्तोष, शांति सब खत्म हो गया, लिप्साओं ने ऐसा अवसाद का घेरा बना दिया जीवन के चारों ओर कि मानव उससे निकल ही नहीं पा रहा ।
हँसी जीवन की वो अनमोल देन है जो ईश्वर प्रदत्त है, प्रकृति के सँग रहना भोर का उदित सूर्य को प्रणाम जो शरीर में ऊर्जा भरता है, इस का आनंद वो ही जान सकता है जो नित इसका सेवन करता है। नन्ही ओस की बूंद हरी हरी दूब पर मोती की तरह चमकती है तो देख कर सहसा ही मुख पर मुस्कुराहट आ जाती है और ये मुस्कुराहट जीवन अमृत रूप में पूरा दिन सकारत्मकता के साथ समय व्यतीत करने के लिए बहुत हो जाता है।आज अवसाद से दूर होने के लिए लोग लाफिंग क्लब जॉइन कर रहें हैं। पैसा देने में गुरेज नहीं करते मगर अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करना नहीं चाहते ।
जो ईश्वर प्रदत्त गुण है प्रकृति के सानिध्य में फलती फूलती है उसे बिना द्रव्य खर्च करके सहजता से प्राप्त किया जा सकता है । हँसी को अपने जीवन में सहेज कर रखिये, अच्छा सोचिये सकारात्मक कार्य कीजिये, अपनी संवेदनाओं को जीवित रखिए , जिससे भी जीवन में मिलें मुस्कुरा कर मिलें, आपके चारो ओर जो सकारत्मकता का ओरा बनेगा वो सहज रूप में सबको आपकी ओर आकर्षित करेगा ।
एक हँसी जीवन में सौ बीमारियों की औषधि है । आज के समय में छोटे छोटे बच्चे अवसाद ग्रस्त हैं उन्हें रोज सैर करवाइये, खेलिए उनके साथ, जीवन के हर भाव को सहज जीना सिखाइए , बताइए कि हँसी जीवन का अभिन्न अंग है , विपरीत परिस्थितियों को भी आप धैर्य व मुस्कुराहट से सहज पार कर सकतें हैं । बस राग, बैर द्वेष, अहंकार, लोभ, मोह सीमित कीजिये क्यों कि छोड़ना अति कठिन है मगर सीमित करना मुश्किल नहीं जिसने सीमित कर लिया वो एक दिन परब्रह्म को भी पहचान लेगा ये निश्चित है। एक हँसी से जीवन में अद्भुत परिवर्तन होता है , बस मानव का हर कार्य समय व परिस्थिति जन्य होना चाहिए । हँसते रहिए हँसाते रहिए सच है हँसी रामबाण औषधि है यकीन कीजिए ।
स्वतन्त्र लेखन
निशा"अतुल्य"
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